July 08.2016
इंडिया पूरी दुनिया में ऐसी जगह है, जहां के लोग कड़कड़ाती ठंड, बरसात और चिलचिलाती गर्मी का आनंद उठाते हैं. इंडिया वो देश है जहां नदियां, समंदर, पहाड़ियां, घाटियां, समतल मैदान और रेगिस्तान के साथ-साथ ऐसा सब-कुछ है जिस पर इंडियंस को गर्व है. न सिर्फ़ नजारे बल्कि कुछ ऐसे अद्भुत जानवर भी जिन्हें आप इंडिया के अलावा कहीं और नहीं पा सकते, जिन्हें देखने के लिए दुनिया भर से सैलानी इंडिया आते हैं और मंत्रमुग्ध होकर वापस जाते हैं.
1. व्हाइट टाइगर्स (बंगाल)
बंगाल टाइगर्स जहां पूरी दुनिया में फेमस हैं, वहीं व्हाइट टाइगर्स की खूबसूरती के कहने ही क्या. और इन्हें पहले-पहल फेम और पहचान रीवा के राजा ने दिलायी थी, जिनके पास सफेद टाइगर्स का जोड़ा था.
2. स्नो लेपर्ड (हिमांचल)
स्नो लेपर्ड या हिम तेंदुआ एक विडाल प्रजाति है जो मध्य एशिया, खासतौर पर हिमांचल के इलाके में पाया जाता है. स्नो लेपर्ड एक संरक्षित प्रजाति है और ये बिल्ली परिवार का एक महत्वपूर्ण सदस्य है.
3. रॉयल बंगाल टाइगर (रणथंभौर, राजस्थान)
रॉयल बंगाल टाइगर इंडिया और बांग्लादेश दोनो देशों का राष्ट्रीय पशु है. जिसके शरीर पर दिखती हुई भूरी और काली धारियां इसे विशेष रूप से सज्जित करती हैं.
4. एशियाई लॉयन (गिर, गुजरात)
इंडिया के गिर, गुजरात में विशेष रूप से पाये जाने वाले और संरक्षित इस जंगल के राजा को कौन नहीं जानता. मगर आज ये प्रजाति विलुप्त होने की कगार पर है. और सरकार आज के दौर में इनका विशेष ख़याल रख रही है.
5. व्हाइट मोर
मोर हमारे देश के राष्ट्रीय पक्षी के तौर पर जाना जाता है, मगर उस ख़ूबसूरत से दिखने वाले इंद्रधनुषी मोर के ही परिवार में सफेद मोर भी पाया जाता है. ये सफेद मोर “रेयरेस्ट ऑफ रेयर” प्रजाति में शामिल है. और इसकी छटा और जलवे तो बस देखते ही बनते हैं.
6. सुंदरबन डेल्टा (पश्चिम बंगाल)
सुंदरबन डेल्टा दुनिया के सबसे बड़े सदाबहार वन का केन्द्र है, साथ ही सबसे उपजाऊ भी. सुंदरबन का नाम यहां पायी जाने वाले सुंदरी पेड़ों की वजह से पड़ा है, जो मंग्रूव फॉरेस्ट के रूप में प्रचलित हैं. यह रॉयल टाइगर्स का आख़िरी संरक्षित क्षेत्र और टाइगर संरक्षण परियोजना का स्थल है जहां खेती-बाड़ी भी होती है.
7. थार मरुस्थल (राजस्थान)
जहां तक नज़रें जा सकती हों, सिर्फ़ बालू ही बालू हो और साथ ही हो सन्नाटा. ऐसी कल्पना तो सभी करते हैं. मगर ऐसे नज़ारे को साक्षात देखने के लिए आपको राजस्थान का सफ़र करना होगा और “रेगिस्तान का जहाज” ऊंट आपकी इसमें ख़ासी मदद कर सकता है. विश्वास मानिए ये कुछ ऐसा नज़ारा होगा जिसे आप ज़िंदगी भर नहीं भूल पायेंगे.
8. ग्रीन माउंटेन (शिवालिक, मुन्नार)
हरियाली एक ऐसा नज़ारा होता है जिससे देखते-देखते हमारा मन कभी नहीं भरता और ये नज़ारे कहीं किसी पहाड़ पर देखने को मिले तो फ़िर क्या कहने. मुन्नार के ग्रीन माउंटेन फॉरेस्ट तो जैसे आंखों को सुकून देने के लिए ही बने हैं जिसे हर किसी को अपनी ज़िंदगी में कम-से-कम एक बार तो ज़रूर देखना चाहिए.
9. कच्छ का रण (गुजरात)
रण शब्द हिंदी से आता है जिसका अर्थ रेगिस्तान होता है. भारत के गुजरात प्रांत के कच्छ जिले में यह अजीबो-गरीब मरुस्थल है जहां गर्मियों में तापमान 44-45 डिग्री और सर्दियों में 0 डिग्री सेल्सियस से भी नीचे चला जाता है. कच्छ के रण की पश्चिमी सीमा हमारे पड़ोसी देश पाकिस्तान से मिलती है.
10. ज्वालामुखी बैरन आईलैंड (अंडमान)
पोर्ट ब्लेयर से 139 कि.मी की समुद्री यात्रा पर बैरन अर्थात् ऊसर द्वीप हैं, जहां ऐक्टिव ज्वालामुखी देखे जा सकते हैं. ये ज्वालामुखी अब तक दो बार 1991 और 1994-1995 में लगभग 177 वर्षों के बाद जाग उठा था. इस आईलैंड को फॉरेस्ट डिपार्टमेंट से परमिशन के बाद चार्टर्ड बोट्स के माध्यम से देखा जा सकता है.
11. लोकटक लेक (मणिपुर)
इंडिया का नार्थ-इस्टर्न पार्ट आज भी अधिकतर लोगों के द्वारा देखा नहीं गया है, ये हिस्सा ख़ुद में इतना कुछ छिपाये हुए है कि इसके वर्णन में सुबह से शाम हो जाएगी. और इसी क्रम में आता है लोकटक या फ्लोटिंग लेक जो लगभग 286 कि.मी एरिया में फैला हुआ है, जिसकी ख़ूबसूरती तो बस देखते ही बनती है.
12. पेड़ों से बने हुए पुल (खासी, मेघालय)
इंडिया के नार्थ-ईस्ट के मेघालय राज्य में पाये जाने वाले सुपर-नेचुरल पुल प्रकृति से सामंजस्य का अद्भुत नज़ारा है. पेड़ों की जड़ों से ही निर्मित ये पुल यहां के लोगों की ज़रूरत का हिस्सा है क्योंकि यहां ख़ूब बरसात होती है और पकी लकड़ी जल्दी खराब होती है. इस पुल को बनने में लगभग 10 से 15 साल लगते हैं, जो एक समय पर लगभग 50 लोग का भार उठा सकता है.
13. मैगनेटिक हिल (लेह)
मैगनेटिक हिल या ग्रैविटी हिल के नाम से प्रसिद्ध इस पहाड़ी की खासियत है कि, इसके नजदीक यदि आप अपनी गाड़ी बंद कर के छोड़ देंगे तो ये ख़ुद की ओर गाड़ी को खींचती है जिसे महसूस करने के लिए सैलानी ख़ासतौर पर वहां जाते हैं. ये चुंबकीय पहाड़ी लेह से लगभग 30 कि.मी. पर स्थित है.
14. गरम पानी का सोता (मणिकारण गुरुद्वारा, मनाली)
मनाली न सिर्फ़ ख़ूबसूरत जगह है, बल्कि वहां प्रकृति का एक चमत्कार भी विराजमान है वो भी गुरुद्वारे में जहां एक गरम पानी का श्रोत है. गुरुद्वारे के भंडारे के लिए भोजन भी इसी श्रोत के पानी में पकाया जाता है.
15. ब्रम्हपुत्रा नदी (आसाम)
नदियों को दुनिया की सबसे पुरानी सड़क यूं ही नहीं कहा जाता. और बात यदि ब्रम्हपुत्रा की हो रही हो तो फ़िर क्या कहना बाकी रह जाता है. ब्रम्हपुत्रा दुनिया के सबसे बड़ी नदियों में से एक है जो एक बहुत बड़े भू-भाग को सिंचित करती है और साथ ही व्यापार का सबसे सरल-सुगम और सस्ता साधन भी है. और आज के आधुनिक दौर में भी ये अपनी ख़ूबसूरती और यूनिकनेस बचाए हुए है. और इस पर क्रूस के तो क्या कहने!
16. बेलम केव्स (आंध्रप्रदेश)
आंध्रप्रदेश के कर्नूल जिले में स्थित ये गुफाएं इंडिया की दूसरी सबसे बड़ी गुफाएं हैं. आंध्रप्रदेश की राज्य सरकार ने इनको बहुत ही बढ़िया ढंग से संरक्षित और सुरक्षित रखा है. इसकी बनावट के पीछे हजारों साल पहले बहने वाली नदियों का बड़ा योगदान रहा है जिन्होंने इन्हें ऐसा रूप प्रदान किया है.
17. हाथी मत्था (महाबलेश्वर, महाराष्ट्र)
हाथी के सूंड और माथे की आकृति जैसा दिखने वाला ये पहाड़ किसी भी दर्शक के लिए अजूबे जैसा ही है. ये पूरी तरह नेचुरल है जो वेस्टर्न घाटों का हिस्सा है. और बाकी का काम यहां का सदाबहार मौसम कर देता है. तो अगली बार जब आप महाराष्ट्र जायें तो यहां जाना कतई न भूलें!
18. भेड़ाघाट (जबलपुर, मध्यप्रदेश)
नर्मदा नदी की जबरदस्त धार और वो भी संगमरमर के पहाड़ों के बीच कुछ ऐसा नज़ारा प्रस्तुत करती है कि उन्हें देख कर दिल बाग-बाग हो जाता है. नर्मदा नदी के दोनों तटों पर संगमरमर की 100 फुट तक ऊंची चट्टानें भेड़ाघाट को एक मनोरम और सजीव स्थल में परिवर्तित कर देती हैं.
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