June 28.2016
Mirny Diamond Mine – World’s largest Diamond Mine : पूर्वी साइबेरिया में है दुनिया की सबसे बड़ी हीरे की खदान मिरनी माइन है। यह 1722 फीट गहरी और 3900 फीट चौड़ी है। यह विशव का दूसरा सबसे बड़ा मानव निर्मित होल है। पहले नंबर पर बिंघम कॉपर माइन है।
इसे 13 जून, 1955 को सोवियत भूवैज्ञानिकों की एक टीम द्वारा खोजा गया था। इसे खोजने वाले दल में यूरी खबरदिन, एकातेरिना एलाबीना और विक्टर एवदीनको शामिल थे। इसे खोजने के लिए सोवियत जियोलॉजिस्ट यूवी खबरदीन को 1957 में लेनिन प्राइज दिया गया था।
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इस माइन के विकास का कार्य 1957 में शुरू किया गया। यहां साल के ज्यादातर महीनों में मौसम बेहद खराब रहता है। सर्दियों में यहां तापमान इतना गिर जाता है कि गाड़ियों में तेल भी जम जाता है और टायर फट जाते हैं। इसे खोदने के लिए कर्मचारियों ने जेट इंजन और डायनामाइट्स का इस्तेमाल किया था। रात के समय इसे ढंक दिया जाता था, ताकि मशीनें खराब ना हो जाएं।
इस खदान की खोज के बाद रूस हीरे का सबसे ज्यादा उत्पादन करने वाला दुनिया का तीसरा सबसे बड़ा देश बन गया था। इस खदान से हर साल 10 मिलियन कैरेट हीरा निकाला जाता था।
यह खदान इतनी विशाल है कि कई बार इसके ऊपर से गुजरने वाले हेलीकॉप्टर नीचे की ओर के हवा के दबाव से इसमें समा चुके हैं।। इसके बाद से इसके ऊपर से हेलीकॉप्टर्स के गुजरने पर पाबंदी लगा दी गई।
साल 2011 में इस खदान को पूरी तरह बंद किया जा चुका है।
Mirny Diamond Mine – World’s largest Diamond Mine : पूर्वी साइबेरिया में है दुनिया की सबसे बड़ी हीरे की खदान मिरनी माइन है। यह 1722 फीट गहरी और 3900 फीट चौड़ी है। यह विशव का दूसरा सबसे बड़ा मानव निर्मित होल है। पहले नंबर पर बिंघम कॉपर माइन है।
इसे 13 जून, 1955 को सोवियत भूवैज्ञानिकों की एक टीम द्वारा खोजा गया था। इसे खोजने वाले दल में यूरी खबरदिन, एकातेरिना एलाबीना और विक्टर एवदीनको शामिल थे। इसे खोजने के लिए सोवियत जियोलॉजिस्ट यूवी खबरदीन को 1957 में लेनिन प्राइज दिया गया था।
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इस माइन के विकास का कार्य 1957 में शुरू किया गया। यहां साल के ज्यादातर महीनों में मौसम बेहद खराब रहता है। सर्दियों में यहां तापमान इतना गिर जाता है कि गाड़ियों में तेल भी जम जाता है और टायर फट जाते हैं। इसे खोदने के लिए कर्मचारियों ने जेट इंजन और डायनामाइट्स का इस्तेमाल किया था। रात के समय इसे ढंक दिया जाता था, ताकि मशीनें खराब ना हो जाएं।
इस खदान की खोज के बाद रूस हीरे का सबसे ज्यादा उत्पादन करने वाला दुनिया का तीसरा सबसे बड़ा देश बन गया था। इस खदान से हर साल 10 मिलियन कैरेट हीरा निकाला जाता था।
यह खदान इतनी विशाल है कि कई बार इसके ऊपर से गुजरने वाले हेलीकॉप्टर नीचे की ओर के हवा के दबाव से इसमें समा चुके हैं।। इसके बाद से इसके ऊपर से हेलीकॉप्टर्स के गुजरने पर पाबंदी लगा दी गई।
साल 2011 में इस खदान को पूरी तरह बंद किया जा चुका है।
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